मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में सम्पन्न हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। मंत्रि-परिषद द्वारा केन्द्र प्रवर्तित सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना के अंतर्गत "पोषण भी- पढ़ाई भी" प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्वीकृति प्रदान की गई। इस योजना के आयोजन के लिए 30 करोड़ 56 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य बाल्यावस्था के प्रथम एक हजार दिनों में प्रारंभिक उद्दीपन को बढ़ावा देना है। साथ ही, 3 से 6 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्रारंभिक देखभाल और शिक्षा (ECCE) को सशक्त करना भी इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है।
प्रमुख विशेषताएँ
- शिक्षा और पोषण का समावेश: इस योजना के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों में खेल आधारित उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जाएगी।
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का सशक्तिकरण: इस कार्यक्रम के अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रारंभिक शिक्षा एवं शैक्षणिक दृष्टिकोण की बुनियादी समझ विकसित करने का अवसर मिलेगा।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम:
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का क्षमता संवर्धन किया जाएगा।
- प्रत्येक बाल विकास परियोजना अधिकारी, 3 पर्यवेक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।
महत्व और लाभ
इस योजना से छोटे बच्चों के प्रारंभिक विकास और शिक्षा को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी। साथ ही, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को और अधिक कुशल बनाकर वे बच्चों को एक स्वस्थ एवं शिक्षाप्रद वातावरण प्रदान करने में सक्षम होंगी।
"पोषण भी- पढ़ाई भी" कार्यक्रम सरकार की एक दूरदर्शी पहल है, जो न केवल बच्चों के पोषण को सुनिश्चित करेगी बल्कि उनके प्रारंभिक शिक्षा स्तर को भी उच्च गुणवत्ता प्रदान करेगी। इससे बच्चों की बौद्धिक, सामाजिक एवं शारीरिक क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और वे एक उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर होंगे।
(Source – Jansampark Vibhag)