भ्रष्टाचार के खिलाफ रिपोर्टिंग बनी जानलेवा, सेप्टिक टैंक में मिला पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव!!
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु ने राज्य में हड़कंप मचा दिया है। 33 वर्षीय मुकेश का शव 3 जनवरी 2025 को एक ठेकेदार के परिसर में स्थित सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ। वे 1 जनवरी की रात से लापता थे।
Source Internet |
मुकेश चंद्राकर एक साहसी पत्रकार थे, जो पुलिस और नक्सलियों के बीच संपर्क सूत्र के रूप में भी जाने जाते थे। उन्होंने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के खिलाफ सड़क निर्माण में कथित भ्रष्टाचार की रिपोर्टिंग की थी। स्थानीय पत्रकारों का आरोप है कि इसी कारण उनकी हत्या की गई। मुकेश की अंतिम लोकेशन भी ठेकेदार के परिसर की ही पाई गई थी।
3D Models Starting from $1
৬০০% ফ্রি বোনাস!
3D Models Starting from $1
Prop Trading: Trade on a Virtual Account – Earn Real Profits…
पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से दो ठेकेदार के रिश्तेदार हैं। मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर अभी भी फरार है, और पुलिस की चार टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं।
इस घटना ने राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय पत्रकार समुदाय ने मुकेश की हत्या की कड़ी निंदा की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वे यह भी मांग कर रहे हैं कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने पुलिस को मामले की त्वरित और निष्पक्ष जांच करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, विपक्षी दलों ने सरकार पर कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल होने का आरोप लगाया है और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
मुकेश चंद्राकर की हत्या ने राज्य में पत्रकारिता की स्वतंत्रता और सुरक्षा पर एक गंभीर बहस छेड़ दी है। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि सच्चाई की खोज में जुटे पत्रकारों को किस प्रकार के खतरों का सामना करना पड़ता है। अब देखना यह है कि सरकार और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय करते हैं।
इस बीच, मुकेश के परिवार और सहयोगियों को न्याय की उम्मीद है, ताकि उनके प्रियजन की आत्मा को शांति मिल सके और पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत अन्य लोग बिना भय के अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें।
- The News Grit, 05/01/2025