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एकीकृत टाउनशिप नीति 2025: राज्य में शहरी विकास को नई दिशा!!

20 February 2025 by
THE NEWS GRIT

राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्र में रियल स्टेट से संबंधित निजी निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से "एकीकृत टाउनशिप नीति 2025" को मंजूरी दी है। यह निर्णय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार 18 फरवरी को मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में लिया गया। इस नीति के लागू होने से न केवल राज्य की आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी, बल्कि रोजगार के नए अवसरों का सृजन भी होगा और राज्य की जी.डी.पी. में वृद्धि होगी।

नीति का उद्देश्य और लाभ

एकीकृत टाउनशिप नीति का मुख्य उद्देश्य लैंड पूलिंग के माध्यम से भूमि का विकास करना है, ताकि शहरी क्षेत्रों में व्यवस्थित और बड़े पैमाने पर टाउनशिप का निर्माण हो सके। नीति के तहत, जहाँ एक ओर विशाल और आधुनिक टाउनशिप का विकास होगा, वहीं दूसरी ओर प्रचलित प्रक्रिया के अनुसार कॉलोनियों का विकास भी जारी रहेगा।

इस नीति के लागू होने से प्रदेश में व्यवस्थित शहरीकरण को बढ़ावा मिलेगा। यह न केवल शहरों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगा, बल्कि किफायती आवास की समस्या को भी हल करने में मदद करेगा। इसके साथ ही, राज्य सरकार की ओर से कई सुविधाएं भी प्रदान की गई हैं, जिनमें भूमि अधिग्रहण, बाह्य विकास कार्य, समय पर अनुमतियाँ, और स्टॉम्प ड्यूटी में रियायत जैसी कई अहम बातों का उल्लेख है।

​Primary Source- magicbricks

टाउनशिप नीति के तहत भूमि के मानदंड

एकीकृत टाउनशिप नीति के अंतर्गत 5 लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए न्यूनतम भूमि अर्हता 10 हेक्टेयर रखी गई है, जबकि 5 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए यह सीमा 20 से 40 हेक्टेयर होगी। डेवलपर्स को इस नीति के तहत सक्षम प्राधिकारी के साथ पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, टाउनशिप प्रस्तावों को राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव और जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में साधिकार समिति द्वारा अनुमोदित किया जाएगा।

शासन की भूमिका

नीति को प्रभावी बनाने के लिए, राज्य सरकार ने संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश को नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया है। इसके द्वारा नीति के कार्यान्वयन और भूमि उपयोग की प्रक्रिया को सुलझाया जाएगा। साथ ही, कॉलोनी नियमों में छूट, ग्रीन एफएआर, और ऊर्जा के गैर-परंपरागत उपयोग के लिए एफएआर जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी ध्यान दिया जाएगा।

वर्तमान स्थिति और सुधार की आवश्यकता

वर्तमान में, डेवलपर्स द्वारा छोटे-छोटे भूखंडों पर कॉलोनियों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे नगर स्तर की अधोसंरचनाओं का समुचित विकास नहीं हो पा रहा है। प्रचलित नियमों में कॉलोनियों के विकास के लिए कोई न्यूनतम क्षेत्र की सीमा नहीं है, जिसके कारण भूमि की आपूर्ति और मांग में उतार-चढ़ाव होता है। इसके परिणामस्वरूप बुनियादी ढांचे और किफायती आवास के विकास में देरी होती है। यही कारण है कि "एकीकृत टाउनशिप नीति" लागू की जा रही है, जिससे शहरी विकास में एक सुनियोजित और स्थिर ढांचा तैयार हो सके।

"एकीकृत टाउनशिप नीति 2025" राज्य के शहरी विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। यह नीति न केवल शहरीकरण को सुव्यवस्थित करेगी, बल्कि निवेशकों के लिए भी आकर्षक अवसर उत्पन्न करेगी। इसके साथ ही, राज्य के नागरिकों को बेहतर बुनियादी ढांचा, आवास, और रोजगार के अवसर मिलेंगे।

 

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THE NEWS GRIT 20 February 2025
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