10 फरवरी को मध्यप्रदेश के देवास जिले के सोनकच्छ के लिए ऐतिहासिक और गौरवमयी दिन रहा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महिलाओं, किसानों और वृद्धजनों के सशक्तिकरण की दिशा में एक नई मिसाल कायम करते हुए, लाड़ली बहना योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, और किसान कल्याण योजना के अंतर्गत ₹3,514 करोड़ की राशि का सिंगल क्लिक से सीधा अंतरण किया। इस कार्यक्रम ने एक साथ कई वर्गों को सशक्त करने का मार्ग प्रशस्त किया।
• लाड़ली बहना योजना के तहत 1.27 करोड़ बहनों के खातों में ₹1,553 करोड़ जमा किए गए।
• सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 56 लाख हितग्राहियों को ₹337 करोड़ की राशि हस्तांतरित की गई।
• किसान कल्याण योजना के तहत 81 लाख किसानों को ₹1,624 करोड़ की सहायता राशि प्रदान की गई।
महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में मजबूत कदम
महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता, उनके और उनके आश्रित बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार, और परिवार में उनकी प्रमुख भूमिका को मजबूत करने के लिए, मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री ने 28 जनवरी 2023 को राज्यभर में "मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना" को लागू करने की घोषणा की थी। इस योजना के तहत, वर्तमान में महिलाओं को प्रति माह ₹1250 वित्तीय सहायता दी जा रही है। यह कदम महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण और आर्थिक स्वावलंबन को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
वृद्धों और दिव्यांगों के लिए सहारा
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के माध्यम से उन वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों को राहत दी गई है, जो समाज के सबसे जरूरतमंद वर्गों में आते हैं। ₹337 करोड़ की सहायता राशि ने उनकी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने का भरोसा दिलाया है। निराश्रित वृद्ध, कल्याणी (विधवा), परित्यक्ता, दिव्यांग और गरीब लोगों को मदद देने के लिए सरकार पेंशन योजना चलाती है। इसके तहत-
- 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बुजुर्ग, जो अपना खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं, को पेंशन दी जाती है।
- 18 वर्ष से अधिक उम्र की विधवा और परित्यक्ता महिलाओं को भी इसका लाभ मिलता है।
- 6 से 18 वर्ष के दिव्यांग बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
- 18 वर्ष से अधिक
उम्र के दिव्यांग व्यक्तियों को भी इस योजना के तहत सहायता प्रदान की जाती
है।
यह योजना जरूरतमंदों को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए बनाई गई है।
अन्नदाताओं के लिए समृद्धि का आश्वासन
किसानों की खुशहाली के बिना राज्य का विकास अधूरा है। किसान कल्याण योजना के अंतर्गत ₹1,624 करोड़ का ट्रांसफर किसानों के जीवन में नई ऊर्जा भरने और कृषि क्षेत्र को सशक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। कृषि को लाभकारी व्यवसाय में तब्दील करने की संकल्पना को पूरा करने, कृषि के लिए उन्नत तकनीकों का प्रयोग करने, किसानों की आय वृद्धि के लक्ष्य को अच्छा करने और प्रदेश के कृषकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना 22 सितंबर 2020 से शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत किसानों को 6000 रुपये सालाना, 2000 रुपये की 3 किस्तों में दिए जाएंगे। सभी किसानों को "पी.एम. किसान सम्मान निधि" के अंतर्गत हर साल 6000 रुपये का लाभ मिलता रहेगा।
डिजिटल इंडिया का सशक्त उदाहरण
सिंगल क्लिक से इतनी बड़ी राशि का वितरण डिजिटल इंडिया और सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता का प्रमाण है। इस पहल से यह सुनिश्चित हुआ कि लाभार्थियों को बिना किसी बिचौलिए के सीधे उनके खातों में सहायता राशि मिले।
मुख्यमंत्री का प्रदेश को संदेश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा, "हर वर्ग का सशक्तिकरण हमारा संकल्प है। हम महिलाओं, किसानों और बुजुर्गों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।"
समृद्ध और सशक्त समाज की दिशा में एक कदम
यह कार्यक्रम न केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया थी, बल्कि राज्य के हर वर्ग को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की एक बड़ी पहल थी। यह कदम निश्चित रूप से मध्यप्रदेश को एक समृद्ध और खुशहाल समाज की ओर ले जाएगा।
आज का यह ऐतिहासिक आयोजन, जिसमें समृद्धि और खुशियों का सीधा हस्तांतरण हुआ, मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता और जनकल्याण के प्रति समर्पण को उजागर करता है।