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"खजुराहो नृत्य समारोह 2025: कला और संस्कृति का अंतर्राष्ट्रीय संगम"

14 February 2025 by
THE NEWS GRIT

खजुराहो, मध्यप्रदेश में स्थित यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट, जो अपनी प्राचीन मंदिरों और अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, हर साल एक भव्य नृत्य समारोह की मेज़बानी करता है। इस वर्ष, 51वां खजुराहो नृत्य समारोह 20 से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जाएगा। इस अद्वितीय उत्सव का उद्देश्य भारतीय शास्त्रीय नृत्य की समृद्ध परंपरा को बढ़ावा देना और कला प्रेमियों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करना है।

नृत्य के साथ सांस्कृतिक उत्सव

इस वर्ष के खजुराहो नृत्य समारोह में कई नये आयाम जोड़े गए हैं, जिनमें विशेष रूप से एक शास्त्रीय नृत्य मैराथन (रिले) का आयोजन किया जाएगा। यह नृत्य प्रस्तुति गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करने का प्रयास करेगी, जो 24 घंटे से अधिक समय तक निरंतर चलेगी। समारोह में भारतीय शास्त्रीय नृत्य के प्रमुख रूपों जैसे कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, कुचीपुड़ी और अन्य का प्रदर्शन किया जाएगा, जिनमें वरिष्ठ कलाकारों के साथ-साथ युवा प्रतिभाओं को भी मंच मिलेगा।

बाल नृत्य महोत्सव और अन्य नयी गतिविधियां

खजुराहो नृत्य समारोह में इस साल एक और नई शुरुआत की जा रही है - "खजुराहो बाल नृत्य महोत्सव"। इसमें 10 से 16 साल के मध्यप्रदेश के स्थानीय युवा कलाकार भारतीय शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति देंगे। यह आयोजन भारतीय नृत्य की परंपरा को जीवित रखने और युवा पीढ़ी में नृत्य के प्रति रुचि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

इस वर्ष समारोह में "प्रणाम" नामक एक अनुषांगिक गतिविधि भी होगी, जिसमें पद्मविभूषण डॉ. पद्मा सुब्रह्मण्यम के जीवन और कला योगदान पर प्रदर्शनी, व्याख्यान और संवाद आयोजित होंगे। डॉ. सुब्रह्मण्यम, भरतनाट्यम की एक महान नृत्यांगना हैं, और उनकी कला को सम्मानित करने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

भारतीय लोक वाद्य प्रदर्शनी और चित्रकला

खजुराहो नृत्य समारोह में इस साल "नाद" नामक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी, जिसमें भारतीय लोक और शास्त्रीय संगीत में उपयोग होने वाले 600 से अधिक वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा, "चित्र कथन" नामक एक कार्यक्रम भी होगा, जिसमें प्रसिद्ध चित्रकार खजुराहो नृत्य समारोह की नृत्य प्रस्तुतियों को कैनवास पर उकेरेंगे। इस गतिविधि से नृत्य और चित्रकला के बीच के संबंध को भी प्रदर्शित किया जाएगा।

नृत्य महोत्सव की प्रतिष्ठा और इसके सांस्कृतिक महत्व

खजुराहो नृत्‍य समारोह 1974 में आरम्‍भ हुआ। वर्तमान में नृत्य समारोह की कल्‍पना सन् 1975 में की जाती है। तब से लगातार यह समारोह और अधिक समृद्ध होता रहा। मध्य प्रदेश कला परिषद ने इस महोत्सव की शुरुआत की थी, और यह न केवल भारत, बल्कि विदेशों में भी एक प्रतिष्ठित मंच बन चुका है। यहां भाग लेने वाले नृत्य कलाकार अपनी कला का सर्वोत्तम प्रदर्शन करते हैं, और यही कारण है कि खजुराहो नृत्य समारोह को विश्व के सबसे प्रमुख नृत्य उत्सवों में गिना जाता है। इसके मंच पर प्रतिष्ठित नृत्यांगनाओं और कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया है, जैसे रूकमणी देवी अरूंडेल, बिरजू महाराज, मृणालिनी साराभाई और कई अन्य कलाकारों ने इसे अपने करियर की महत्वपूर्ण उपलब्धि माना है।

पर्यटन और रोमांचक गतिविधियां

खजुराहो नृत्य समारोह के साथ ही मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा विभिन्न रोमांचक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जैसे स्काई डाइविंग, हॉट एयर बैलून राइड, और सेगवे टूर। इन गतिविधियों से पर्यटकों को न केवल खजुराहो की कला और संस्कृति से परिचित होने का मौका मिलेगा, बल्कि वे खजुराहो के प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद ले सकेंगे।

कुछ इतिहास तथ्‍य

खजुराहो, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है, जो अपनी शिल्पकला, स्थापत्य और अद्वितीय मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान प्राचीन भारत के महान कारीगरों द्वारा निर्मित वास्तुकला और मूर्तिकला का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। खजुराहो का इतिहास और उसकी सांस्कृतिक धरोहर इस क्षेत्र को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रारंभ और निर्माण

खजुराहो का स्थापत्य कार्य चंदेल साम्राज्य के समय में हुआ था, जो लगभग 9वीं से 12वीं सदी के बीच प्रमुख था। चंदेल राजवंश के शासकों ने इन मंदिरों का निर्माण किया। खजुराहो का नाम संस्कृत शब्द 'खजुर' (खजूर के पेड़) से लिया गया है, जो इस क्षेत्र में प्रचुरता से पाए जाते थे।

 

यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल

1986 में, खजुराहो के मंदिरों को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त हुई, जो इस स्थल के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है। आज खजुराहो न केवल भारत के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है, बल्कि यह दुनिया भर में अपनी विशिष्ट वास्तुकला और कला के लिए प्रसिद्ध है।

51वां खजुराहो नृत्य समारोह भारतीय कला, संस्कृति और नृत्य की एक प्रमुख धरोहर है, जो न केवल देशवासियों के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर कला प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक अद्वितीय आकर्षण का केंद्र है। इस आयोजन में नृत्य, संगीत, चित्रकला, और कला के अन्य आयामों को दर्शाने वाली गतिविधियाँ एक साथ मिलकर इसे एक बहुआयामी उत्सव बनाती हैं, जो भारतीय कला को सम्मान देने के साथ-साथ नई पीढ़ी को इससे जुड़ने का अवसर प्रदान करती हैं।

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THE NEWS GRIT 14 February 2025
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