मध्यप्रदेश के सागर जिले में चेस्ट पेन (सीने में दर्द) के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। पिछले एक वर्ष में, सागर में 4,967 लोगों ने चेस्ट पेन के कारण 108 एम्बुलेंस सेवा का उपयोग किया है, जो राज्य में सबसे अधिक है। इसके बाद रीवा (3,000 मामले), जबलपुर (2,196 मामले), भोपाल (लगभग 1,600 मामले), ग्वालियर (1,684 मामले) और इंदौर (641 मामले) सामने आए है।
वहीं, सबसे कम मामले नीमच (147 मामले), श्योपुर (221 मामले) और झाबुआ (238 मामले) दर्ज किए गए हैं।
हार्ट अटैक क्यों होता है?
भोपाल एम्स के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. योगेश कुमार के अनुसार, बदलती जीवनशैली और खान-पान की आदतों के कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक तब होता है जब अचानक हृदय की कोई नस अवरुद्ध हो जाती है, जिससे हृदय के किसी हिस्से में रक्त का प्रवाह रुक जाता है। इस कारण उस क्षेत्र की मांसपेशियां धीरे-धीरे मृत होने लगती हैं और वह हिस्सा पंपिंग में काम करना बंद कर देता है। यही स्थिति हार्ट अटैक कहलाती है।
हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के कारण:
- बदलती जीवनशैली – शारीरिक गतिविधियों की कमी, असंतुलित आहार और बढ़ते तनाव स्तर हृदय रोगों के प्रमुख कारण हैं।
- अनियमित दिनचर्या और अस्वास्थ्यकर खान-पान – बाहर का तला-भुना और वसायुक्त खाना हृदय के लिए खतरनाक हो सकता है।
- बढ़ता प्रदूषण – वायु प्रदूषण भी हृदय की समस्याओं को बढ़ाने में भूमिका निभाता है।
- धूम्रपान और शराब का सेवन – धूम्रपान और अत्यधिक शराब पीने से हृदय की धमनियां कमजोर होती हैं और ब्लॉकेज का खतरा बढ़ जाता है।
- डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर – ये दोनों बीमारियां हृदय को सीधे प्रभावित करती हैं और हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाती हैं।
हार्ट अटैक से बचाव के उपाय:
- स्वस्थ आहार लें – हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त भोजन को अपनी डाइट में शामिल करें।
- नियमित व्यायाम करें – प्रतिदिन 30-45 मिनट की एक्सरसाइज, योग या पैदल चलना हृदय के लिए फायदेमंद होता है।
- तनाव प्रबंधन – मेडिटेशन, संगीत सुनना, और अच्छी नींद लेना तनाव कम करने में मदद करता है।
- धूम्रपान और शराब से बचें – ये दोनों आदतें हृदय के लिए खतरनाक हो सकती हैं।
- ब्लड प्रेशर और शुगर को नियंत्रित रखें – नियमित जांच कराएं और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह लें।
- पर्याप्त नींद लें – कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेने से हृदय स्वस्थ रहता है।
- पानी ज्यादा पिएं – शरीर को हाइड्रेट रखना हार्ट हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है।
इन सुझावों का पालन करके हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है और एक स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है।
आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोगों की अनियमित दिनचर्या और अनुशासनहीन जीवनशैली विभिन्न बीमारियों का प्रमुख कारण बन रही है। खासकर हृदय रोग जैसी गंभीर समस्याएं अब न केवल बुजुर्गों में बल्कि वयस्कों और युवाओं और कम उम्र के बच्चों में भी तेजी से बढ़ रही हैं, जो चिंता का विषय है। आधुनिक तकनीक और मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग ने सभी वर्गों के लोगों को शारीरिक गतिविधियों से दूर कर दिया है, जिससे उनकी शारीरिक क्षमता और प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो रही है। बच्चे जहां खेलकूद और शारीरिक गतिविधियों से कटते जा रहे हैं, वहीं वयस्क व्यस्त दिनचर्या के कारण व्यायाम और शारीरिक श्रम से दूर होते जा रहे हैं, जिससे शरीर दुर्बल होता जा रहा है और बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में जीवन में अनुशासन का होना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि एक संतुलित दिनचर्या और नियमित व्यायाम से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहता है। यदि सभी आयु वर्ग के लोग अपने जीवन में अनुशासन को अपनाएं, तो एक स्वस्थ और सुखद भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
(Source - Dainik Bhaskar)