मध्यप्रदेश के 7 शहरों - भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर और सतना को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन शहरों में सुशासन और नागरिक सेवाओं को मजबूत करने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। चयनित शहरों में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) और इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) लागू किए गए हैं। नगरीय सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने के लिए एआई तकनीक को भी अपनाया जाएगा।
आईसीसीसी और आईटीएमएस प्रणाली
आईसीसीसी तकनीक के माध्यम से स्मार्ट सिटीज में नागरिक सेवाओं की सतत निगरानी संभव हो रही है। यह प्रणाली डेटा के संचालन और निर्णय लेने की प्रक्रिया को बेहतर बना रही है। आईसीसीसी और आईटीएमएस के संचालन के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा एजेंसी का चयन किया गया है। ये प्रणालियाँ रियल टाइम में डेटा संग्रह कर त्वरित कार्यवाही की क्षमता रखती हैं। इनके माध्यम से जल आपूर्ति, अपशिष्ट प्रबंधन, स्ट्रीट लाइटिंग और सार्वजनिक सुरक्षा जैसी सेवाओं की निगरानी की जा रही है।
नेशनल अर्बन डिजिटल मिशन (एनडीयूएम) और एआई तकनीक
केंद्र सरकार ने नेशनल अर्बन डिजिटल मिशन (एनडीयूएम) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को शामिल करने का निर्णय लिया है। एआई तकनीक से नागरिक सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
· आईसीसीसी तकनीक से अपशिष्ट संग्रह वाहनों की वास्तविक समय में ट्रैकिंग संभव हो रही है, जिससे सफाई सुनिश्चित की जा रही है।
· भविष्य में इन केंद्रों को स्वचालित अलर्ट सिस्टम से लैस किया जाएगा ताकि स्वच्छता संबंधी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जा सके।
· जल वितरण और रिसाव की निगरानी कंट्रोल रूम के माध्यम से की जा रही है, जिससे जल अपव्यय को कम करने और जल आपूर्ति को संतुलित करने में सहायता मिल रही है।
· आईसीसीसी के जरिये स्मार्ट ग्रिड और स्ट्रीटलाइट ऑटोमेशन से ऊर्जा की खपत कम करने तथा विद्युत वितरण को अधिक कुशल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
यातायात और परिवहन प्रबंधन
वर्तमान में 7 स्मार्ट सिटीज में आईसीसीसी से जुड़ी निगरानी प्रणाली अपराध नियंत्रण और यातायात प्रबंधन में सहायक सिद्ध हो रही है। कोविड-19 के दौरान इन स्मार्ट सिटीज के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर ने स्टेट वार रूम के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
· आईटीएमएस प्रणाली के जरिये:
· ट्रैफिक की भीड़ कम करने,
· दुर्घटनाओं को रोकने,
शहरी परिवहन को सुव्यवस्थित करने के लिए कार्य किया जा रहा है।
इस प्रणाली से ट्रैफिक सिग्नलों का विश्लेषण और रियल टाइम ट्रैफिक डेटा एकत्रित किया जा रहा है।
· 7 स्मार्ट सिटीज में 303 स्थानों पर 2301 कैमरे लगाए गए हैं।
· पिछले तीन वर्षों में 27 लाख 25 हजार ई-चालान जारी किए गए हैं।
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत नागरिक सेवाओं को उन्नत बनाने के लिए विभिन्न तकनीकों का एकीकरण किया जा रहा है। इससे शहरी जीवन अधिक सुगम और व्यवस्थित होगा।
(Source – Jansampark Vibhag)