भारत सरकार ने डिजिटल भुगतान (UPI, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन) को बढ़ावा देने के लिए एक नई प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई (P2M) लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को स्वीकृति देने पर आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में "डिजिटल इंडिया" का संकल्प साकार हो रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी कहा कि छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहित करने के लिए 2,000 रुपये तक के लेन-देन पर 0.15% प्रति लेन-देन की दर से इन्सेन्टिव प्रदान करने की योजना ऐतिहासिक है। इससे न केवल डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि छोटे व्यापारियों को भी सशक्त किया जाएगा।
योजना का काम करने का तरीका
सरकार ने इस योजना के तहत बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (PSP) को भुगतान करने के लिए एक खास तरीका अपनाया है, जिससे डिजिटल ट्रांजैक्शन को और सुरक्षित और विश्वसनीय बनाया जा सके।
अगर किसी बैंक या भुगतान सेवा प्रदाता (PSP) को ₹100 करोड़ का भुगतान मिलना था, तो उसे तीन हिस्सों में दिया जाएगा:
✅₹80 करोड़ बिना किसी शर्त के तुरंत जारी किए जाएंगे।
✅₹10 करोड़ तभी मिलेंगे जब तकनीकी गड़बड़ी (Downtime) 0.75% से कम होगी।
✅₹10 करोड़ तभी मिलेंगे जब सिस्टम अपटाइम (System Uptime) 99.5% से अधिक रहेगा।
यह योजना किनके लिए लागू होगी?
📌 बैंक – जो यूपीआई और डिजिटल भुगतान की सुविधा देते हैं।
📌 पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (PSP) – जैसे Paytm, PhonePe, Google Pay, Amazon Pay आदि।
📌 NPCI (National Payments Corporation of India) – जो यूपीआई का संचालन करता है।
छोटे और बड़े व्यापारियों को कैसे फायदा होगा?
हालांकि यह योजना सीधे व्यापारियों पर लागू नहीं होगी, लेकिन इसका फायदा छोटे दुकानदारों और बड़े व्यापारियों को मिलेगा:
💡 डिजिटल भुगतान तेज़ और आसान होगा – जब बैंक और भुगतान सेवा प्रदाता अपने सिस्टम को बेहतर बनाएंगे, तो व्यापारी बिना किसी रुकावट के भुगतान स्वीकार कर सकेंगे।
💡 लेन-देन में विफलता (Failed Transactions) कम होगी – अगर बैंक और यूपीआई सेवाएं बेहतर होंगी, तो ट्रांजैक्शन असफल होने की संभावना कम होगी।
💡 ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी – अगर डिजिटल भुगतान का सिस्टम सुचारू रहेगा, तो अधिक ग्राहक कैश की बजाय यूपीआई से भुगतान करना पसंद करेंगे।
यूपीआई लेन-देन में जबरदस्त बढ़ोतरी
वित्त मंत्रालय के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में यूपीआई और डिजिटल पेमेंट में तेजी से वृद्धि हुई है:
📊 सभी डिजिटल भुगतान (UPI, IMPS, कार्ड, आदि) का कुल लेन-देन:
· 2021-22 में: ₹8,839 करोड़
· 2023-24 में: ₹18,737 करोड़
· सालाना वृद्धि दर: 46%
📊 सिर्फ यूपीआई लेन-देन का आंकड़ा:
· 2021-22 में: ₹4,597 करोड़
· 2023-24 में: ₹13,116 करोड़
· सालाना वृद्धि दर: 69%
सरकार की इस योजना से क्या बदलेगा?
🔹छोटे और बड़े व्यापारी डिजिटल भुगतान को अधिक अपनाएंगे।
🔹बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं को अपनी सेवाओं में सुधार करना होगा।
🔹ग्राहकों को तेज़, आसान और सुरक्षित डिजिटल ट्रांजैक्शन की सुविधा मिलेगी।
🔹भारत को कैशलेस अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।
सरकार की यह योजना डिजिटल पेमेंट को और मजबूत बनाएगी, जिससे छोटे व्यापारियों, ग्राहकों और पूरे देश को फायदा होगा। जब डिजिटल लेन-देन बिना किसी बाधा के होगा, तो लोग नकद भुगतान की बजाय यूपीआई और अन्य डिजिटल माध्यमों का अधिक उपयोग करेंगे। यह भारत को "डिजिटल इंडिया" के सपने की ओर ले जाने में एक बड़ा कदम साबित होगा।