हाल ही में मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री (डॉ. मोहन यादव) ने जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना को चर्चा के केंद्र में रखा। ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना न केवल मध्यप्रदेश बल्कि महाराष्ट्र के लिए भी एक क्रांतिकारी जल संसाधन परियोजना है। यह परियोजना, जिसका उद्देश्य भूजल स्तर को पुनः भरना और सिंचाई की स्थायी सुविधा प्रदान करना है, विश्व की सबसे बड़ी ग्राउंड वाटर रीचार्ज परियोजनाओं में से एक मानी जा रही है। आइए इस परियोजना की विस्तृत जानकारी पर नज़र डालते हैं:
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
🔹 ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना: यह परियोजना जल संरक्षण और सिंचाई की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी। इसका उद्देश्य ताप्ती नदी बेसिन के भूजल स्तर को बढ़ाना है, जो लाखों किसानों की सिंचाई की जरूरतों को पूरा करेगा।
🔹 सिंचाई क्षेत्र का विस्तार: परियोजना के पूरा होने पर मध्यप्रदेश के 1,23,082 हेक्टेयर और महाराष्ट्र के 2,34,706 हेक्टेयर भूमि में स्थायी सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। यह न केवल कृषि उत्पादकता में वृद्धि करेगा, बल्कि क्षेत्रीय जल संकट को भी दूर करेगा।
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परियोजना का महत्व
1. जल संरक्षण: यह परियोजना क्षेत्र के जल स्रोतों को स्थायी रूप से सुधारने और भूजल स्तर को बढ़ाने में सहायक होगी।
2. कृषि क्षेत्र में सुधार: किसानों को सालभर सिंचाई की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
3. पर्यावरणीय संतुलन: भूजल के स्तर में सुधार से पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।
सरकार की पहल
डॉ. मोहन यादव ने इस परियोजना की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजना को समय पर पूरा किया जाए। यह योजना न केवल मध्यप्रदेश बल्कि महाराष्ट्र के भी लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी।
ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना भारत के जल संसाधन क्षेत्र में एक नई क्रांति की ओर इशारा करती है। इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से न केवल क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकती है।
(सोर्स पी.आर.ओ सागर)