विज्ञान विषय के महत्व को समझते हुए, जिला शिक्षा विभाग ने रविंद्र भवन में एक जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य जिले के सभी शासकीय स्कूलों के कक्षा नवमी और दसवीं में विज्ञान पढ़ाने वाले शिक्षकों को परीक्षा परिणाम सुधारने के लिए मार्गदर्शन देना था।
प्रशिक्षण का उद्घाटन जिला शिक्षा अधिकारी श्री अरविंद जैन ने किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बोर्ड परीक्षाओं में विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम में सुधार लाने के लिए शिक्षकों का सक्रिय योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक समय पर विद्यालय में उपस्थित रहें और विद्यार्थियों को समर्पित समय देकर शिक्षा प्रदान करें। इसके अलावा, श्री जैन ने शिक्षकों को यह निर्देश दिया कि वे अपने-अपने विद्यालयों में त्रैमासिक और अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के परिणामों का तुलनात्मक अध्ययन करें। उन प्रश्नों को विशेष रूप से अभ्यास करवाएं जिनमें विद्यार्थियों को अधिक परेशानी हो रही है। इस प्रकार, जिले का परीक्षा परिणाम बेहतर बनाने के प्रयास किए जा सकते हैं। कार्यक्रम में एडीपीसी आरएमएसए श्री अभय श्रीवास्तव और एपीसी श्री उमाशंकर चाचौंदिया ने भी अपना संबोधन दिया। उन्होंने शिक्षकों से परीक्षा परिणाम में सुधार लाने के लिए विद्यार्थियों में विज्ञान विषय के प्रति रुचि बढ़ाने की अपील की। साथ ही, उन्होंने राज्य स्तर से पोर्टल पर उपलब्ध वन-लाइनर प्रश्न, अभ्यास प्रश्नपत्र और अन्य उपयोगी सामग्री का इस्तेमाल करने की सलाह दी।
शिक्षकों को बताया गया कि मंडल की वेबसाइट पर पिछले तीन वर्षों में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाएं उपलब्ध हैं। इनका प्रदर्शन विद्यार्थियों के सामने करवा कर उन्हें सही तरीके से उत्तर लिखने का तरीका सिखाया जा सकता है। प्रशिक्षण के कोर्स डायरेक्टर श्री शैलेंद्र कुमार जैन, प्राचार्य और मास्टर ट्रेनर्स श्रीमती नीलू जैन, श्री अरविंद गोस्वामी और श्री राजेंद्र अहिरवार ने इस कार्यशाला में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। उन्होंने यह बताया कि कैसे कठिन टॉपिक्स को विद्यार्थियों के लिए सरल और रोचक बनाया जा सकता है, और उन महत्वपूर्ण प्रश्नों को साझा किया जो परीक्षा में आएंगे। इस कार्यक्रम में शिक्षकों ने इस प्रशिक्षण को गंभीरता से लिया और विज्ञान विषय में विद्यार्थियों की रुचि बढ़ाने के लिए उत्साह दिखाया। जिले के शिक्षा अधिकारी और प्रशिक्षकों ने मिलकर इस प्रशिक्षण को सफल बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
अंत में, श्री गंगाराम चौधरी, श्री एम एस ठाकुर, श्री प्रेम नारायण कोरी आदि का सहयोग इस कार्यशाला की सफलता में अहम रहा। इस प्रशिक्षण ने यह साबित किया कि एक सशक्त शिक्षक समाज में परिवर्तन लाने का सबसे प्रभावशाली साधन है, और इस दिशा में किए गए प्रयास जिले के बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे।
- The News Grit, 29/12/2024