आपदा प्रबंधन के महत्व को समझते हुए जिले की समस्त ग्राम पंचायतों के सचिव एवं रोजगार सहायकों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला स्थानीय महाकवि पद्माकर सभागार में संपन्न हुई, जिसमें आपदा प्रबंधन अधिकारी श्री ए के सिंह ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विवेक के वी, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती आरती यादव सहित अन्य अधिकारी एवं बड़ी संख्या में पंचायत सचिव उपस्थित रहे।
आपदा के समय धैर्य और समझदारी महत्वपूर्ण
कार्यशाला में आपदा प्रबंधन अधिकारी श्री ए के सिंह ने कहा कि आपदा के समय घबराना नहीं चाहिए, बल्कि संयम और समझदारी से स्थिति का सामना करना चाहिए। उन्होंने आकाशीय बिजली, हीट वेव (लू), अग्निकांड, नाव दुर्घटना एवं आंधी-तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान किए जाने वाले बचाव उपायों पर विशेष जोर दिया।
आकाशीय बिजली से बचाव के उपाय
· आकाशीय बिजली के समय यदि पानी में हों, तो तुरंत बाहर आ जाएं।
· खुली जगह में कान पर हाथ रखकर एडियों को मिलाकर जमीन पर बैठ जाएं।
· सफर के दौरान वाहन में शीशे चढ़ाकर बैठे रहें और खुले वाहन का उपयोग न करें।
· खेतों में काम तुरंत रोक दें और सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।
· बिजली उपकरणों, तारों और टेलीफोन का उपयोग न करें।
· पक्की छत के नीचे शरण लें, पेड़ों या बिजली के खंभों के नीचे न खड़े हों।
· आकाशीय बिजली से चेतावनी हेतु 'दामिनी' ऐप डाउनलोड करें।
हीट वेव (लू) से बचाव के उपाय
· अधिक परिश्रम के बीच विश्राम लें।
· हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें।
· सफर में पानी हमेशा साथ रखें और प्यास न होने पर भी पानी पिएं।
· शरीर अधिक गर्म होने पर स्नान करें और ठंडक प्रदान करने वाले फल व पेय पदार्थ लें।
· अधिक धूप में बाहर जाने से बचें और शराब का सेवन न करें।
· बच्चों और पालतू जानवरों को धूप में अकेला न छोड़ें।
अग्निकांड से बचाव के उपाय
· आग लगने पर घबराएं नहीं, शांत रहें और अलार्म बजाकर लोगों को सतर्क करें।
· निकास मार्गों का उपयोग करें और लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का प्रयोग करें।
· आग लगने की स्थिति में पीड़ित को कंबल में लपेटें।
· धुएं से बचने के लिए नीचे रेंगकर बाहर निकलें।
· जले हुए स्थान पर चिपकने वाली पट्टी न लगाएं।
नाव दुर्घटना से बचाव के उपाय
· नाव में क्षमता से अधिक भार न रखें।
· सभी यात्रियों को लाइफ जैकेट पहनने की सलाह दें।
· नाव पर सुरक्षा उपकरण रखें और खराब मौसम में नाव का संचालन न करें।
· नाव में चढ़ते या उतरते समय जल्दबाजी न करें।
आंधी-तूफान/चक्रवात से बचाव के उपाय
· घरों के दरवाजे, खिड़कियां और छत की मरम्मत करें।
· कमजोर पेड़ों की शाखाओं को हटा दें।
· खाद्य सामग्री, दवाइयां, टॉर्च और बैटरी तैयार रखें।
· यात्रा कर रहे हों, तो सुरक्षित स्थान देखकर रुक जाएं।
· बिजली के खंभों, मोबाइल टावर और टिन की छतों से दूर रहें।
· आधिकारिक सूचना मिलने तक घर से बाहर न निकलें।
संयुक्त कलेक्टर श्रीमती आरती यादव ने सभी उपस्थित सचिवों और सहायक सचिवों को निर्देशित किया कि वे आपदा के समय इन सभी निर्देशों का पालन करें और प्रबंधन सुनिश्चित करें। आपदा के दौरान सतर्कता और समझदारी से ही जीवन की सुरक्षा संभव है।
आपातकालीन सहायता नंबर
एम्बुलेंस: 108
पुलिस: 100 / 112
(Source – PRO Sagar)