प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को डिजिटल रूप से सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए उपमुख्यमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) में टेलीमेडिसिन सेंटर का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अब मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों से सीधे बात करने और उचित उपचार प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध होगी।
उन्होंने कहा कि यह सुविधा उन मरीजों के लिए वरदान सिद्ध होगी जो दूर-दराज के गांवों में रहते हैं और जिन्हें विशेषज्ञ डॉक्टरों तक पहुंचने में कठिनाई होती है। अब वे टेलीमेडिसिन/वीडियो कॉन्फ्रेंस/वर्चुअल माध्यम से आसानी से चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त कर सकेंगे।
उपमुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा की प्राथमिकताओं में से एक है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण अंचलों के उन पीड़ित व्यक्तियों तक विशेषज्ञ सलाह पहुंचाना है, जिन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाता। अब उन्हें बिना किसी आर्थिक बोझ के समय पर सलाह और दवाईयां मिल सकेंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि टेलीमेडिसिन योजना का प्रभाव कई स्तरों पर देखने को मिलेगा। इसके माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में आने वाली भीड़ कम होगी और वहां की व्यवस्थाएं सुचारु रूप से संचालित हो सकेंगी। साथ ही, बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में टेलीमेडिसिन सेंटर में आने वाले कॉल्स की संख्या भी एक परफॉर्मेंस ऑडिट के रूप में कार्य करेगी। इससे यह आकलन किया जा सकेगा कि टेलीमेडिसिन सेवा कितनी प्रभावी रूप से लागू हो रही है और इसका लोगों को कितना लाभ मिल रहा है।
उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और विशेष रूप से आरोग्य केंद्रों में भी टेलीमेडिसिन की सुविधा शीघ्र प्रारंभ की जाए। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों पर संबंधित डॉक्टरों की सूची चस्पा की जाए और उनके फोन नंबर भी संबंधित सी.एच.ओ (Community Health Officer) और बी.एम.ओ (Block Medical Officer) को उपलब्ध कराए जाएं ताकि आवश्यकता पड़ने पर मरीज तुरंत संपर्क कर सकें और उन्हें डिजिटल माध्यम से तत्काल उपचार मिल सके।
टेलीमेडिसिन सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरकोटी से डॉक्टर राहुल और वहां उपस्थित एक मरीज से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया। उन्होंने मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी ली और टेलीमेडिसिन सुविधा की उपयोगिता को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया।
इस बातचीत के दौरान टेलीमेडिसिन के नोडल डॉक्टर डॉ. भूपेंद्र रोहित ने पीड़ित व्यक्ति से उनके ब्लड प्रेशर, शुगर स्तर और होने वाली पीड़ा की जानकारी ली। उन्होंने मरीज से अन्य स्वास्थ्य संबंधित सवाल भी पूछे और खून की जांच कराने की सलाह दी। इसके साथ ही, उन्होंने आवश्यक दवाइयों की जानकारी भी दी, जिससे मरीज को त्वरित राहत मिल सके।
टेलीमेडिसिन सेंटर के संचालन के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति भी की गई है। बीएमसी के डॉ. रमेश पांडे ने जानकारी दी कि इस केंद्र में डॉ. रुचि जयसवाल, डॉ. अंकित जैन, डॉ. दिनेश जैन, और डॉ. पीयूष जैन को नियुक्त किया गया है। ये सभी डॉक्टर विभिन्न विशेषज्ञताओं में दक्ष हैं और आवश्यकता पड़ने पर अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों को भी इस सुविधा के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
इस अवसर पर सागर विधायक श्री शैलेंद्र जैन ने बी.एम.सी में हृदय रोग से संबंधित मशीनरी और विशेषज्ञ डॉक्टरों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में हृदय रोग के इलाज के लिए जरूरी संसाधनों की बेहद कमी है। इस पर उपमुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने आश्वासन दिया कि इस संबंध में शासन द्वारा पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर कार्रवाई की जा रही है और शीघ्र ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सागर के नागरिकों को शीघ्र ही हृदय रोग के इलाज की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
कार्यक्रम के दौरान विधायक श्री जैन ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की अन्य समस्याओं पर भी विस्तार से चर्चा की और उपमुख्यमंत्री को सभी बिंदुओं से अवगत कराया। इस चर्चा में कॉलेज के संसाधनों, स्टाफ की संख्या, मशीनों की उपलब्धता और अन्य प्रशासनिक मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया।
कार्यक्रम में जिले के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और चिकित्सा क्षेत्र के प्रमुख भी उपस्थित रहे। इनमें जिला अध्यक्ष श्री श्याम तिवारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ममता तिमोरी, डॉ. मनीष जैन, डॉ. सौरभ जैन सहित मेडिकल कॉलेज के सभी विभागों के डॉक्टर मौजूद थे। सभी ने टेलीमेडिसिन सेवा की सराहना की और इसे स्वास्थ्य क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल बताया।
उल्लेखनीय है कि टेलीमेडिसिन सुविधा के माध्यम से न केवल ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के मरीजों को लाभ मिलेगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता, प्रभावशीलता और डिजिटल दक्षता भी आएगी। सरकार द्वारा इस दिशा में किया गया यह प्रयास आने वाले समय में सभी के हित के लिए, सभी के सुख के लिए सिद्ध हो सकता है।