अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की अंतरराष्ट्रीय उड़ान AI-171 आज दोपहर एक भयावह दुर्घटना का शिकार हो गई। विमान ने दोपहर 1:38 बजे सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी, लेकिन टेक-ऑफ के कुछ ही मिनटों बाद यह अनियंत्रित हो गया और मेघानीनगर क्षेत्र में स्थित BJ मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में जा घुसा। जोरदार धमाके के साथ विमान में आग लग गई और आसपास का इलाका धुएं से भर गया।
एयर इंडिया की लंदन जा रही अंतरराष्ट्रीय उड़ान AI-171 में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य शामिल थे। एयर इंडिया के अनुसार, यात्रियों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 1 कनाडाई और 7 पुर्तगाली नागरिक शामिल थे। टेक-ऑफ के तुरंत बाद हुए भयावह हादसे में कई यात्रियों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। स्थानीय पुलिस, फायर ब्रिगेड और आपदा प्रबंधन की टीमें तत्काल घटनास्थल पर पहुंचीं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। अब तक दर्जनों शव बरामद किए जा चुके हैं और घायलों का इलाज नजदीकी अस्पतालों में जारी है। मृतकों और घायलों की अंतिम पुष्टि जारी है।
एक जानकारी यह भी सामने आ रही है कि गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी इस फ्लाइट में सवार थे। सूत्रों के अनुसार, उनकी मृत्यु की संभावना जताई जा रही है, प्रशासन ने पूरे इलाके को घेर लिया है और राहत कार्यों के साथ-साथ मृतकों की पहचान का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
यह विमान एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था, जिसका पंजीकरण नंबर VT-ANB था और जिसे जनवरी 2014 में एयर इंडिया को सौंपा गया था। यह ड्रीमलाइनर अपनी तकनीकी मजबूती और उत्कृष्ट सुरक्षा रिकॉर्ड के लिए जाना जाता है, और यह हादसा इस विमान मॉडल की दुनिया भर में पहली दर्ज दुर्घटना मानी जा रही है। उड़ान की कमान कैप्टन सुमीत सभरवाल के पास थी, जिनके पास 8,200 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव था, जबकि उनके सहायक फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर थे, जिन्होंने अब तक 1,100 घंटे की उड़ानें भरी थीं। दुर्घटना के तुरंत बाद एयरपोर्ट इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम को सक्रिय कर दिया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश यह आधुनिक विमान भी तकनीकी गड़बड़ी के आगे असहाय साबित हुआ।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय और DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। ब्लैक बॉक्स की बरामदगी के बाद ही इस हादसे के तकनीकी कारणों की स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी।
यह हादसा न केवल देश के लिए, बल्कि सैकड़ों परिवारों के लिए एक गहरा आघात है। इस तरह की घटनाएं विमानन सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं और जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि गलती तकनीकी थी या लापरवाही का परिणाम। फिलहाल, पूरे देश के लिए यह अत्यंत शोक का समय है।