मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को उसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक गौरव से जोड़ने के लिए एक नई पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि राजधानी भोपाल के प्रमुख मार्गों पर सम्राट विक्रमादित्य, राजा भोज और अन्य महापुरुषों के नाम पर भव्य द्वार बनाए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य प्रदेश के गौरवशाली अतीत को वर्तमान पीढ़ी के सामने लाना और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना है।
इतिहास की अमूल्य धरोहर
भोपाल और मध्यप्रदेश के अन्य कई स्थानों की पहचान यहाँ के ऐतिहासिक शासकों से रही है। सम्राट विक्रमादित्य को उनके पराक्रम, न्याय, दानशीलता और सुशासन के लिए इतिहास में विशेष स्थान प्राप्त हुआ है। वहीं, राजा भोज अपनी विद्वता और निर्माण कार्यों के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। उन्होंने बड़े तालाब सहित कई महत्वपूर्ण संरचनाओं का निर्माण कराया, जो आज भी उनकी स्मृतियों को जीवंत बनाए हुए हैं।
गौरवशाली अतीत से जुड़ेगी नई पीढ़ी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि यह पहल प्रदेशवासियों को अपने गौरवशाली अतीत से जोड़ने और उसमें गर्व की अनुभूति कराने के लिए की जा रही है। इन ऐतिहासिक द्वारों के निर्माण से न केवल शहर की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि नागरिकों को अपने इतिहास से जुड़ने का अवसर भी मिलेगा।
राज्य सरकार की अनूठी पहल
राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे इस प्रयास से भोपाल के प्रमुख मार्गों को एक नया स्वरूप मिलेगा। इन द्वारों का निर्माण ऐतिहासिक वास्तुकला और सांस्कृतिक पहचान को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा, ताकि वे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकें।
यह निर्णय न केवल मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में
एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह प्रदेशवासियों के भीतर अपनी संस्कृति और इतिहास के प्रति सम्मान
और गर्व की भावना भी उत्पन्न करेगा।
(Source - Jansampark Vibhag)