राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य, राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के त्रिबिन्दु क्षेत्र में स्थित है यह अभयारण्य चंबल नदी के किनारे स्थित है और इसके आसपास का क्षेत्र विभिन्न वन्यजीवों, पक्षियों और घड़ियालों का घर है। यह स्थान न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए, बल्कि शोधकर्ताओं और पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। यहाँ पर आप वन्यजीवों का अद्भुत संसार देख सकते हैं, जो इसे पर्यटकों के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।
घड़ियालों का संरक्षण और चंबल नदी का महत्व
राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य का प्रमुख आकर्षण यहाँ के घड़ियाल हैं। चंबल नदी के जल में इनकी संख्या बढ़ाने के लिए अभयारण्य में निरंतर संरक्षण प्रयास किए जा रहे हैं। चंबल नदी घड़ियालों के लिए प्राकृतिक आवास है, और यहां के जल में उनकी बढ़ती हुई संख्या अभयारण्य के संरक्षण प्रयासों की सफलता को दर्शाती है।
हाल ही में, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि वे चंबल नदी में घड़ियाल छोड़ने का कार्य करेंगे। यह कदम चंबल नदी में घड़ियालों की संख्या बढ़ाने और उन्हें और सुरक्षित वातावरण देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। मुख्यमंत्री का यह कदम अभयारण्य के महत्व को और बढ़ाएगा और इसके संरक्षण प्रयासों को नई दिशा देगा।
पर्यटन सुविधाओं का जायजा
राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य में बढ़ते पर्यटकों की संख्या को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव यहां के पर्यटन सुविधाओं का भी जायजा लेंगे। आने वाले समय में, अभयारण्य में पर्यटकों के लिए और अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि उनका अनुभव और भी सुखद और आरामदायक हो सके। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा और यहां आने वाले पर्यटकों के अनुभव में सुधार होगा।
वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक शानदार गंतव्य
राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक शानदार गंतव्य है। यहाँ पर आप केवल घड़ियाल ही नहीं, बल्कि काले भालू, तेंदुए, जलचर पक्षी, और अन्य कई वन्य जीवों का भी सामना कर सकते हैं। इसके अलावा, चंबल नदी के किनारे की सुंदरता, शांतिपूर्ण वातावरण और जैव विविधता इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाती है।
अभयारण्य में विभिन्न ट्रैकिंग और बोटिंग गतिविधियाँ भी पर्यटकों के लिए उपलब्ध हैं, जो यात्रा को और अधिक रोमांचक बनाती हैं। यह जगह एक बेहतरीन स्थान है जहां आप प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हुए वन्यजीवों की दुनिया को करीब से देख सकते हैं।
राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य केवल वन्यजीवों के संरक्षण का स्थान नहीं है, बल्कि यह एक पर्यावरणीय धरोहर भी है, जो प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता से भरपूर है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के द्वारा की गई घोषणाएँ और अभयारण्य के पर्यटन सुविधाओं में सुधार से यह स्थान और भी आकर्षक बन जाएगा। यह हमें यह याद दिलाता है कि हमारे पास जो प्राकृतिक धरोहरें हैं, उनका संरक्षण और संवर्धन कितना महत्वपूर्ण है।
(सोर्स जनसंम्पर्क मध्य प्रदेश)