मध्यप्रदेश सरकार द्वारा रबी विपणन वर्ष 2025-26 के तहत गेहूँ उपार्जन की तैयारियों को लेकर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों के लिए उपार्जन केंद्रों पर सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
किसानों के लिए बेहतर सुविधाओं की व्यवस्था
मंत्री श्री राजपूत ने स्पष्ट किया कि गेहूँ खरीदी केंद्रों पर किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके लिए निम्नलिखित व्यवस्थाएँ की जाएँगी:
· छाया की सुविधा: किसानों को गर्मी से बचाने के लिए शेड की व्यवस्था की जाएगी।
· पीने का पानी और प्रतीक्षा कक्ष: किसानों के लिए ठंडे पानी की व्यवस्था तथा आरामदायक प्रतीक्षा कक्ष बनाए जाएंगे।
· अन्य सुविधाएँ: दरियां, टेबल, कुर्सी और शौचालय की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी
मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की पूरी जानकारी दी जाए, ताकि अधिकतम किसान अपनी फसल लेकर उपार्जन केंद्रों तक पहुँच सकें। किसानों को गेहूँ उपार्जन के बाद शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए।
लघु और सीमांत किसानों को प्राथमिकता
बैठक में आयुक्त खाद्य श्री कर्मवीर शर्मा ने बताया कि गेहूँ उपार्जन में स्लाट बुकिंग प्रणाली लागू होगी, जिसमें लघु और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। किसानों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी उपयोग किया जाएगा।
बिजली और इंटरनेट सुविधा का प्रबंध
खाद्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी समितियों पर बिजली और हाई-स्पीड इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इसके अलावा, उपार्जन से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को कार्यशील रखा जाए। किसानों की सहायता के लिए सूचना पटलों पर उपार्जन संबंधी जानकारी प्रदर्शित करने के निर्देश भी दिए गए।
गेहूँ खरीदी की तिथियाँ
इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में गेहूँ खरीदी 1 मार्च से 18 अप्रैल 2025 तक की जाएगी।
शेष संभागों में गेहूँ खरीदी 17 मार्च से 5 मई 2025 तक चलेगी।
80 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उत्पादन का अनुमान
प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने बताया कि अब तक 2.91 लाख से अधिक किसानों ने गेहूं उपार्जन के लिए पंजीकरण कराया है। इस वर्ष मध्यप्रदेश में 80 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उत्पादन होने का अनुमान है।
इस बैठक में खाद्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे और उपार्जन नीति को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने पर चर्चा की गई।
(सोर्स पी.आर.ओ सागर)