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HMPV वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ता हुआ

9 जनवरी 2025 by
THE NEWS GRIT

कोरोना वायरस की तरह मेटान्यूमावायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी कड़ी में महाराष्ट्र में बुधवार को इसका तीसरा केस मिला। जहां 6 महीने की बच्ची इससे संक्रमित पाई गई, जिसे मुम्बई के हीरानंदानी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। विगत् 1 जनवरी को आक्सीजन का लेवल गिरने, खांसी और सीने में जकड़न की शिकायत के बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।


            इस मामले को मिलाकर देश भर के विभिन्न राज्यों में, कुल मिलाकर 9 मामले सामने आ चुकें हैं। जिनमें कर्नाटक और तमिलनाडु के 2-2 , पश्चिम बंगाल और गुजरात का एक-एक केस शामिल है।

          

​वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए विभिन्न राज्यों ने इसके प्रति सतर्कता बरती है, इसी क्रम में पंजाब सरकार ने बच्चों तथा बुजुर्गों को मास्क पहनने की सलाह दी है , वहीं गुजरात में अस्पतालों में आइसोेलेशन वार्ड बनाये जा रहे हैं।


2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित


HMPV वायरस से संक्रमित होने पर सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव 2 वर्ष से कम के बच्चों में दिखाई दे रहा है। केन्द्र सरकार ने HMPV वायरस के प्रति जागरूकता फैलाने के निर्देश दिये हैं।

विशेषज्ञों ने कहा कि HMPV वायरस कोई नया वायरस नहीं है, सबसे पहले इसकी पहचान 2001 में हुई थी और बाद में ये दुनिया भर में फैल गया। यह कई माध्यमों जैसे सांस लेने, हवा आदि के माध्यम से, सभी आयु वर्ग के व्यक्तियों में फेैल सकता है।

केन्द्र सरकार ने कहा कि- सर्दी के मौसम में इस प्रकार के वायरस का इन्फेक्शन कोई नयी और असामान्य बात नहीं है। सरकार चीन के मामलों पर भी लगातार नजर रखे हुये है और इससे निपटने के लिये पूर्णतः तैयार है।


HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस)


लक्षण- संक्रमित व्यक्ति को 3 से 5 दिन में गले में खराश, नाक बहना और बुखार जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

फैलाव- संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने, संक्रमित चीजों को छूने से

खतरा- निमोनिया और ब्रोकाइटिस और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले सावधानी बरते

इलाज- अभी तक वैक्सीन उपलब्ध नहीं, सामान्य बुखार की तरह इलाज।

बचाव - मास्क पहनना, हाथों को साफ रखना और एक दूसरे से उचित दूरी बनाये रखना।


बचाव हेतु केन्द्र सरकार के दिशा निर्देश-


क्या क​रे-

  • खांसते और छींकते समय रूमाल से नाक और मुंह को ढकें।
  • हाथों को सेनेटाइजर या साबुन से धोऐं।
  • भीड़ -भाड़ वाली जगहों से बचे।
  • खूब पानीं पियें और पौष्टिक भोजन करें।
  • अगर जुकाम जैसे लक्षण हैं तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।


क्या न करें-

  • टिशू पेपर और रूमाल का दोबारा उपयोग न करें।
  • बार- बार आंख, नाक और मुंह को स्पर्श न करें।
  • सार्वजनिक स्थानों पर थूकें नहीं।
  • बिना चिकित्सक की सलाह के दवाईयों का सेवन न करें।


‘‘ HMPV वायरस का असर अधिकांश मामलों में हल्का होता है। हालांकि , छोटे बच्चों , 65 वर्ष से अधिक उम्र और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर इसके गंभीर प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।फिलहाल कोरोना की तरह दुनिया पर मंडरा रहा कोई खतरा नहीं है। अगर यह वायरस खुद को म्यूटेट करे और इसका कोई वैरिएंट आ जाए तो ऐसा संभव है। फिलहाल वैज्ञानिकों ने ऐसी कोई आशंका नहीं जताई है। ’’


(डाॅ. अंकित बंसल )

कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसन एंड इन्फेक्शियस डिजीज

बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट , दिल्ली


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THE NEWS GRIT 9 जनवरी 2025
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