मध्यप्रदेश के सागर संभाग अंतर्गत छतरपुर क्षेत्र के कसवा घुवारा की धरती पर जन्मी कु. क्रांति गौंड ने भारतीय महिला क्रिकेट में ऑलराउंडर खिलाड़ी के रूप में चयनित होकर न केवल अपने गांव का नाम रोशन किया है, बल्कि समूचे बुंदेलखंड अंचल को गर्व की अनुभूति कराई है। 11 अगस्त 2003 को जन्मी क्रांति आज युवाओं, विशेषकर ग्रामीण बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। उनकी सफलता इस बात का जीवंत प्रमाण है कि प्रतिभा गांव की गलियों से निकलकर भी राष्ट्रीय स्तर पर दमदार उपस्थिति दर्ज करा सकती है।
क्रांति गौंड का पूरा परिवार ग्राम घुवारा में निवास करता है। उनके पिता श्री मुन्ना सिंह पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर जिला छतरपुर के थाना भगवां की घुवारा चौकी में पदस्थ हैं। एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाली क्रांति ने कठिन परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने की राह बनाई। यह उनकी मेहनत, लगन और परिवार के सहयोग का प्रतिफल है कि आज वे राष्ट्रीय टीम में जगह बना पाई हैं।
एक प्रेरणादायक सफर
घुवारा की बेटी क्रांति गौंड ने यह सिद्ध कर दिया कि लगन, मेहनत और आत्मबल से हर बाधा को पार किया जा सकता है। जहां देश के कई हिस्सों में आज भी बेटियों को खेलों से दूर रखा जाता है, वहीं क्रांति ने सीमित संसाधनों, सामाजिक पूर्वाग्रह और प्रशिक्षण की कमी जैसे तमाम अवरोधों को मात देकर राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह बनाई। उनके इस सफर में परिवार का समर्थन और उनका खुद का आत्मविश्वास अहम स्तंभ बने।
घरेलू मैदान से अंतर्राष्ट्रीय मंच तक
क्रांति के क्रिकेट जीवन की शुरुआत मध्यप्रदेश महिला क्रिकेट टीम से हुई। क्रांति ने अपना पहला लैदर क्रिकेट मैच सागर के लिए खेला जो कि विधायक कप के लिए था। धीरे-धीरे उन्होंने अपने खेल से चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा। 2024–25 की सीनियर विमेंस वनडे ट्रॉफी में बंगाल के खिलाफ फाइनल मुकाबले में 4 विकेट लेकर उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और उनका नाम चर्चाओं में आने लगा।
मध्यप्रदेश की अंडर-23 टीम में भी वे निरंतर खेलती रहीं, जहां वे अपने अनुशासन और मेहनत से लगातार निखरती गईं। उनका समर्पण ही था जिसने उन्हें महिला प्रीमियर लीग तक पहुंचाया।
WPL में पहचान की बड़ी छलांग
दिसंबर 2024 में हुए तीसरे महिला प्रीमियर लीग (WPL) ऑक्शन में क्रांति गौंड को UP Warriorz फ्रेंचाइज़ी ने ₹10 लाख की बोली लगाकर खरीदा। यह उनके करियर की एक अहम उपलब्धि थी। उन्होंने लीग में शानदार गेंदबाज़ी करते हुए इतिहास रच डाला — वे WPL में 4 विकेट लेने वाली दूसरी सबसे युवा खिलाड़ी बनीं, उनके पहले यह उपलब्धि इंग्लैंड की इस्सी वोंग को मिली थी।
उनका पहला विकेट था – ऑस्ट्रेलिया की स्टार बल्लेबाज़ मेग लैनिंग, जिन्हें उन्होंने क्लीन बोल्ड किया। यह क्षण उनके करियर का अहम मोड़ साबित हुआ, जिससे यह संकेत मिला कि वे अंतर्राष्ट्रीय मंच के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहला कदम
लगातार अच्छे प्रदर्शन और मेहनत के फलस्वरूप अप्रैल 2025 में क्रांति को भारतीय महिला क्रिकेट टीम में शामिल किया गया। उन्हें श्रीलंका में आयोजित महिला त्रिकोणीय सीरीज़ में काश्वी गौतम की जगह टीम में स्थानापन्न खिलाड़ी के रूप में चुना गया। इस टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में 11 मई 2025 को उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला वनडे इंटरनेशनल मैच खेला।
उनकी गेंदबाज़ी और मानसिक दृढ़ता ने टीम मैनेजमेंट को इतना प्रभावित किया कि जल्द ही उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली वनडे और टी20 सीरीज़ के लिए भी टीम इंडिया में शामिल कर लिया गया।
सुने क्रांति गौंंड का पूरा इन्टरव्यू - https://www.youtube.com/watch?v=v-mROWp23QY (Source- Peptech Time M.P-C.G)
युवाओं के लिए संदेश
क्रांति की कहानी ग्रामीण क्षेत्रों के उन सभी युवाओं के लिए एक स्पष्ट संदेश है जो अपने सपनों को लेकर संघर्षरत हैं। उनका जीवन बताता है कि मेहनत, धैर्य, और निरंतर अभ्यास के माध्यम से कोई भी ऊंचाई हासिल की जा सकती है। वे अब न केवल एक खिलाड़ी हैं, बल्कि एक प्रेरणा हैं - खासकर उन बेटियों के लिए जो छोटे गांवों से बड़े सपने देखती हैं।
सामाजिक और क्षेत्रीय गौरव
क्रांति गौंड की उपलब्धि से समूचा बुंदेलखण्ड क्षेत्र गौरवान्वित है। यह केवल एक खिलाड़ी की उपलब्धि नहीं, बल्कि समाज की सोच में सकारात्मक बदलाव का उदाहरण है। उनका चयन इस बात का प्रतीक है कि प्रतिभा और निष्ठा हो तो गांव की मिट्टी से भी विश्वस्तरीय खिलाड़ी जन्म ले सकते हैं।
कु. क्रांति गौंड को भारतीय महिला क्रिकेट में ऑलराउंडर खिलाड़ी के रूप में चयनित होने पर ढेरों बधाइयाँ और शुभकामनाएँ। उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ हम यही उम्मीद करते हैं कि वे आने वाले वर्षों में भारत को कई गौरवपूर्ण क्षणों से गौरवान्वित करेंगी। उनकी सफलता न केवल खेल के क्षेत्र में, बल्कि सामाजिक सोच और ग्रामीण विकास की दिशा में भी एक प्रेरक भूमिका निभाएगी।