मध्यप्रदेश में विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने 4,302.87 करोड़ रुपये की लागत से 4 बड़ी सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी है। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने इस खबर पर खुशी जताई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का धन्यवाद किया। उनका मानना है कि ये प्रोजेक्ट प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के अलावा आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक विकास में भी मदद करेंगे।
संदलपुर से नसरुल्लागंज बायपास तक बनेगा 43.200 किमी का 4-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग
भोपाल जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-146 के संदलपुर से नसरुल्लागंज बायपास तक 43.200 किलोमीटर लंबा यह रास्ता 1535.66 करोड़ रुपये की लागत से 4 लेन में विकसित करने की स्वीकृति दी गई है। यह रास्ता एक अहम लिंक की तरह काम करता है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग-47, राष्ट्रीय राजमार्ग-46 और राष्ट्रीय राजमार्ग-45 को आपस में जोड़ता है। इस परियोजना के तहत यातायात की समग्र दक्षता में सुधार होगा और मालवाहन के लिए भी यात्रा सुगम होगी। इसके अलावा, आम नागरिकों के लिए यह मार्ग सुरक्षित और समय बचाने वाला साबित होगा।
राहतगढ़ से बेरखेड़ी तक बनेगा 10.079 किमी का 4-लेन कॉरिडोर
विदिशा और सागर जिलों के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-146 पर राहतगढ़ से बेरखेड़ी तक 10.079 किमी हिस्से को 731.36 करोड़ रुपये की लागत से 4 लेन में विकसित करने की स्वीकृति दी गई है। यह परियोजना भोपाल-कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा है और इससे इलाके में सफर करना आसान होगा। राहतगढ़ जैसे घनी आबादी वाले शहर को बायपास करके यात्रियों को तेज और निर्बाध मार्ग प्रदान किया जाएगा। इस परियोजना से ना केवल यात्रा का समय कम होगा बल्कि सड़क सुरक्षा भी बेहतर होगी।
यह परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग-44 और राष्ट्रीय राजमार्ग-346 को जोड़ेगी। इसके साथ ही मार्ग के ज्यामितीय सुधार एवं रि-अलॉयमेंट से सामान और लोगों की आवाजाही और भी सुरक्षित व कुशल हो सकेगी। इससे क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।
लहदरा से बेरखेड़ी गुरु तक बनेगा 20.193 किमी लंबा 4-लेन ग्रीनफील्ड बायपास
राष्ट्रीय राजमार्ग-146 पर लहदरा गांव जंक्शन से राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के बेरखेड़ी गुरु गांव तक 20.193 किमी लंबे 4-लेन ग्रीनफील्ड सागर पश्चिमी बायपास के निर्माण को मंजूरी मिल गई है। जिसकी लागत 688.31 करोड़ रुपये है। यह नया रास्ता शहर की भीड़-भाड़ और शहरी इलाकों में ट्रैफिक की समस्याओं को कम करेगा।, जिससे सागर शहर में ट्रैफिक कम होगा। इससे लोगों का यात्रा का समय भी घटेगा और ट्रैफिक की सुविधा बेहतर होगी। इसके साथ ही, बायपास से इलाके के लिए ट्रैफिक सुरक्षा और प्रबंधन में भी सुधार आएगा।
पश्चिमी ग्वालियर के लिए 28.516 किमी का एक्सेस कंट्रोल्ड 4-लेन बायपास को स्वीकृति
ग्वालियर शहर के पश्चिमी हिस्से में 28.516 किलोमीटर लंबा एक नया 4 लेन का बायपास बनाने का फैसला किया गया है, जिसकी लागत 1347.6 करोड़ रुपये होगी। यह बायपास मुरैना और ग्वालियर जिलों को जोड़ेगा और कई महत्वपूर्ण ब्लॉकों और तहसील मुख्यालयों से जुड़ने में मदद करेगा। यह नया सड़क खंड एक धमनी मार्ग की तरह कार्य करेगा, जो राष्ट्रीय राजमार्ग-46, राष्ट्रीय राजमार्ग-44 और आगामी आगरा-ग्वालियर एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे से कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा। इससे माल ढुलाई और लंबी दूरी के सफर में आसानी होगी। जब यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा, तो यातायात सुगम और सुरक्षित होगा, जिससे लोगों का सफर भी तेज होगा।
इन परियोजनाओं के फायदें
इन सड़क परियोजनाओं से मध्यप्रदेश की कनेक्टिविटी और बढ़ेगी, साथ ही यातायात सुरक्षित होगा, मालवाहन की गति तेज होगी, और समय की भी बचत होगी। ये प्रोजेक्ट्स क्षेत्र के विकास में मदद करेंगे और भविष्य में प्रदेश के आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक विकास में भी योगदान देंगे। इनसे सड़कों की स्थिति बेहतर होगी और लोगों को बेहतर यातायात सुविधाएं मिलेंगी, जिससे जीवन स्तर में सुधार होगा। प्रदेश सरकार के नेतृत्व में हो रहा यह ढांचा विकास मध्यप्रदेश के लिए नई दिशा प्रदान करेगा और यहां के लोगों के लिए नए मौके लाएगा।