मध्यप्रदेश राज्य सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के संवर्धन हेतु नई मध्यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति-2025 को मंत्रि-परिषद की बैठक में अनुमोदित कर दिया है। इस नीति का उद्देश्य राज्य में एमएसएमई क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ राज्य की औद्योगिक प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ाना है।
लेकिन क्या है ये एमएसएमई- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (Micro, Small, and Medium Enterprises) यह छोटे स्तर के व्यवसायों और उद्योगों का समूह है जो किसी देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एमएसएमई क्षेत्र में छोटे व्यापार, उद्योग और सेवा क्षेत्र शामिल होते हैं, जो कम पूंजी और साधनों के साथ कार्य करते हैं, लेकिन अपनी उत्पादकता और नवाचार से बड़ी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
नई एमएसएमई नीति की प्रमुख विशेषताएँ:
नई नीति में राज्य सरकार ने विभिन्न पहलों की घोषणा की है, जो एमएसएमई क्षेत्र के विभिन्न वर्गों को लाभान्वित करेंगी। इसके तहत औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा लागू की गई मध्यप्रदेश लॉजिस्टिक नीति-2025 और निर्यात नीति-2025 का लाभ एमएसएमई को मिलेगा। इसके अलावा, उद्योग संवर्धन नीति-2025 के तहत एमएसएमई की मेगा इकाइयों को कस्टमाईज़ पैकेज देने का निर्णय लिया गया है, ताकि राज्य में बड़ी औद्योगिक इकाइयाँ स्थापित हो सकें।
वित्तीय प्रोत्साहन और सहायता:
नई नीति में निवेश पर प्रोत्साहन के रूप में 40 प्रतिशत तक की सहायता प्रदान की जाएगी। विशेष रूप से, अनुसूचित जाति/जनजाति और महिला उद्यमियों के लिए 48 प्रतिशत सहायता का प्रावधान है। इसके अलावा, पिछड़े विकासखंडों में उद्योग स्थापित करने वाले उद्यमियों को 1.3 गुना सहायता देने का निर्णय लिया गया है। निर्यात प्रोत्साहन के तहत निर्यातक इकाइयों को 52 प्रतिशत तक निवेश पर सहायता मिलेगी, साथ ही निर्यात के लिए माल ढुलाई पर अधिकतम 2 करोड़ रुपए और प्रमाणपत्र पर 50 लाख रुपए तक की सहायता प्रदान की जाएगी।
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नौकरी सृजन और कौशल विकास:
नई नीति में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए कई विशेष पहलें की गई हैं। यदि कोई मध्यम इकाई 100 से अधिक रोजगार प्रदान करती है, तो उसे डेढ़ गुना अनुदान मिलेगा। इसके अतिरिक्त, रोजगार सृजन सेक्टर में प्रति कर्मचारी 5 हजार रुपए प्रति माह 5 वर्षों तक देने का भी प्रावधान है। कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए 13 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी।
नई नीति में शामिल नवीन क्षेत्र और विशेष पैकेज:
इस नीति में पहली बार सेवा क्षेत्र को भी शामिल किया गया है, जिसमें लॉजिस्टिक, रिसाईकलिंग, मोटर वाहन स्क्रैपिंग, और आरएंडडी शामिल हैं। इसके अलावा, मेडिकल डिवाइस और फुटवियर क्षेत्र के लिए भी विशेष पैकेज की घोषणा की गई है।
औद्योगिक भूमि आवंटन में सुधार:
इसके साथ ही, मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश एमएसएमई औद्योगिक भूमि, भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम-2021 में संशोधन का भी अनुमोदन दिया है। इसके तहत औद्योगिक भू-खंडों और फ्लैटेड इंडस्ट्रियल एरिया/कॉम्पलेक्स का आवंटन अब "ई-बिडिंग" पद्धति से होगा। अविकसित भूमि का आवंटन भी एक पारदर्शी ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। इस प्रक्रिया से गंभीर निवेशकों को त्वरित गति से भूमि आवंटन की सुविधा प्राप्त होगी, जो राज्य में उद्योगों की स्थापना को और आसान बनाएगी।
साथ ही, औद्योगिक क्षेत्रों के संधारण का कार्य उद्योग संघ या अन्य एजेंसी से कराया जाएगा, जिससे क्षेत्रीय विकास और सुविधाओं में सुधार होगा।
मध्यप्रदेश सरकार की नई एमएसएमई विकास नीति-2025 राज्य में औद्योगिक वृद्धि को नई दिशा देगी। विभिन्न प्रोत्साहनों, सुविधाओं और सरल प्रक्रियाओं के माध्यम से एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत किया जाएगा, जिससे राज्य के आर्थिक विकास में तेजी आएगी। साथ ही, औद्योगिक भूमि आवंटन में सुधार के साथ-साथ निवेशकों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं मिलेंगी। यह कदम राज्य में नए उद्योगों की स्थापना और रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।