सागर, 12 जून- शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण और समाज कल्याण के क्षेत्र में सक्रिय संस्था ‘गवेषणा मानवोत्त्थान पर्यावरण तथा स्वास्थ्य जागरूकता समिति’ ने आज रानी अवंतीबाई लोधी विश्वविद्यालय, सागर में एक बहुआयामी पहल की। इसके तहत न केवल शैक्षणिक पुस्तकों का दान किया गया, बल्कि विश्वविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण और ऑक्सीजन बैंक की स्थापना के लिए भी पहल की है।
गवेषणा संस्था के अध्यक्ष श्री मनोहरलाल चौरसिया द्वारा विश्वविद्यालय को संस्था द्वारा प्रकाशित “द जर्नल ऑफ साइंटिफिक डिसकोर्स” के प्रथम और द्वितीय खंड सहित कृषि विज्ञान से संबंधित महत्वपूर्ण पुस्तकें कुलपति प्रो. विनोद कुमार मिश्रा व रजिस्ट्रार श्रीमती शक्ति जैन को भेंट की गईं, जो विशेष रूप से कृषि संकाय के विद्यार्थियों के लिए लाभकारी होंगी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनोद कुमार मिश्रा, रजिस्ट्रार श्रीमती शक्ति जैन, कृषि संकाय के विज़िटिंग फैकल्टी डॉ. चंदन सिंह एवं अन्य फैकल्टी भी उपस्थित रहे। सभी ने गवेषणा के इस योगदान की प्रशंसा की और इसे विश्वविद्यालय के शैक्षणिक विकास और सामाजिक सरोकारों से जोड़ने वाला प्रेरणादायी कदम बताया।
पर्यावरणीय जागरूकता की दिशा में एक नई पहल करते हुए, गवेषणा ने “जापान की प्रसिद्ध मियावाकी विधि” के माध्यम से विश्वविद्यालय परिसर में एक ‘ऑक्सीजन बैंक’ स्थापित करने की योजना की घोषणा की है। यह ऑक्सीजन बैंक विविध प्रजातियों के घने पौधों से निर्मित होगा, जो शुद्ध वायु प्रदान करेगा तथा जैव विविधता को बढ़ावा देगा। इसके साथ ही गवेषणा ने विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के लिए एक विशेष सहयोग की भी घोषणा की है। गवेषणा की कल्पवृक्ष नर्सरी कृषि विज्ञान विभाग के लिए प्रयोगशाला के रूप में उपयोग की जाएगी जिससे वे कृषि विज्ञान के व्यावहारिक पक्ष को बेहतर तरीके से समझ सकें। रानी अबन्ती बाई लोधी विश्वविद्यालय के छात्रों को गवेषणा की जिज्ञासा लाइब्रेरी की सुविधा रियायती दर पर उपलब्ध कराई जावेगी।
गवेषणा की यह बहुआयामी पहल न केवल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक साबित होगी, बल्कि परिसर को हरित, स्वच्छ और पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी बनाने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगी। संस्था ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में विश्वविद्यालय के साथ दीर्घकालिक शैक्षणिक और सामाजिक सहयोग की योजनाएं और भी सुदृढ़ की जाएंगी।