आज के समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण एक महत्वपूर्ण विषय है। महिलाएं अक्सर घरेलू हिंसा, लैंगिक उत्पीड़न, मानसिक उत्पीड़न और अन्य प्रकार की हिंसा का शिकार होती हैं। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 'सखी वन स्टॉप सेंटर' की स्थापना की है, जो महिलाओं को एक ही स्थान पर सुरक्षा, सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करने वाला समर्पित केंद्र है।
सखी वन स्टॉप सेंटर क्या है?
सखी वन स्टॉप सेंटर (OSC) एक सरकारी योजना है, जिसका उद्देश्य हिंसा से पीड़ित महिलाओं को त्वरित और प्रभावी सहायता प्रदान करना है। यह केंद्र महिलाओं को पुलिस सहायता, कानूनी परामर्श, चिकित्सा सेवाएं, मनोरोग परामर्श और अस्थायी आश्रय जैसी सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराता है। यह पहल भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है।
सखी वन स्टॉप सेंटर योजना कब शुरू हुई?
वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) योजना, यानी सखी वन स्टॉप सेंटर योजना 1 अप्रैल, 2015 से लागू हुई। यह योजना निर्भया फ़ंड के तहत शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकना और उन्हें सुरक्षित सहायता प्रदान करना है।
इस योजना का लाभ कैसे लें?
हिंसा से प्रभावित महिलाएं अपने बच्चों (सभी उम्र की लड़कियों और 8 वर्ष तक के लड़कों) के साथ अधिकतम 5 दिन के लिए अस्थायी शरण ले सकती हैं। यह योजना उन्हें कानूनी, मानसिक, स्वास्थ्य और पुनर्वास सहायता देती है, ताकि वे सुरक्षित और आत्मनिर्भर जीवन जी सकें।
· एकल खिड़की प्रणाली: पीड़ित महिला को अलग-अलग विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। एक ही स्थान पर उन्हें सभी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
· 24x7 सहायता: यह केंद्र चौबीसों घंटे काम करता है ताकि जरूरतमंद महिलाओं को तुरंत सहायता मिल सके।
· चिकित्सा और परामर्श सेवाएं: पीड़ित महिला को शारीरिक और मानसिक उपचार की सुविधा दी जाती है।
· कानूनी सहायता: कानूनी सलाह और न्यायिक प्रक्रिया में सहायता प्रदान की जाती है।
· आश्रय सुविधा: यदि पीड़िता को सुरक्षित स्थान की आवश्यकता हो तो अस्थायी आश्रय की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
· पुलिस सहायता: महिला को तुरंत पुलिस सहायता और सुरक्षा प्रदान की जाती है।
· पुनर्वास और आत्मनिर्भरता: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाता है।
सखी वन स्टॉप सेंटर से सहायता कैसे प्राप्त करें?
देश के हर जिले में वन स्टॉप सेंटर स्थापित किए गए हैं। पीड़ित महिलाएं निम्नलिखित माध्यमों से सहायता प्राप्त कर सकती हैं:
· जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या जिला कार्यक्रम अधिकारी की मदद से सेंटर तक पहुंच सकती हैं।
· महिला हेल्पलाइन नंबर 181 पर कॉल कर सहायता और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकती हैं। यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहती है।
· नजदीकी पुलिस स्टेशन या अस्पताल से रेफरल लेकर वन स्टॉप सेंटर तक पहुंचा जा सकता है।
· सामाजिक संगठनों या अन्य सरकारी एजेंसियों के माध्यम से भी सहायता ली जा सकती है।
सखी वन स्टॉप सेंटर महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत के रूप में कार्य कर रहा है। यह केंद्र महिलाओं को कानूनी, मानसिक, चिकित्सीय और सामाजिक सहायता प्रदान करता है, जिससे वे हिंसा से उबरकर आत्मनिर्भर बन सकें। सरकार और समाज को मिलकर इस पहल को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए, ताकि हर महिला अपने जीवन को सम्मान और सुरक्षा के साथ जी सके।